ख़ुशी!
कितनी अजीब बात है की वो खुश है, वो कितनी खुश है इसका उसे अंदाजा नहीं, या वो बस एक खुश होने का लिबास पहन कर दुःख को चकमा दे रही है.
चाँद वाली रातों में जब सब सो जाते थे वो अपना सब कुछ लेकर वहाँ चली जाती थी, कह जाती थी वो सब जो एक प्रेमिका अपने प्रेमी से कहा करती है, जैसे एक अबोध बच्चा अपनी माँ की आँखों में देख ना जाने क्या क्या कह जाया करता है.
वो सितारों को देखती और उनके होने के कारण के बारे में सोचती. उसे
अक्सर ऐसा लगता था की इतिहास में कहीं तो एक कड़ी है जिसके बारे में हमें पता नहीं.
वो उस कड़ी को जाने की कोशिश कर रही है, वो खुद को जानने की कोशिश में
लगी है की कभी कहीं उसे पता चल जाए की उसके नाम के पीछे जो आत्मा जैसा है वो क्या
है. वो सवाल जो बचपन से उसके ज़ेहन में हैं उनका कारण आखिर क्या है!
वो जिन्दा अब तक आखिर क्यों है.
हमेशा प्यार की बातें करने वाली लड़की अब व्यापार भी समझने लगी है और उसका भरोसा प्यार में और ज्यादा बढ़ गया है.
हमेशा दिल टूटने के बाद अब वो किसी एक मुस्कान का कारण नहीं बनना चाहती, अब उसे दूसरों को मुस्कान बाटनी है, तमाम प्यार जो उसके अन्दर भरा है वो दुनिया को देना है.
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